पीएम मोदी आज देशभर के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं पेरेंट्स से तनाव-रहित परीक्षा एवं संबंधित पहलुओं पर परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम बात चीत की. पीएम मोदी ने इस दौरान कई सवालों के जवाब दिए. PM मोदी ने कार्यक्रम में कहा- किसी बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें पेरेंट्स व टीचर.
इस दौरान PM मोदी से एक महिला ने ऑनलाइन गेम्स को लेकर सवाल पूछा, जिसके बाद पीएम ने PUBG का नाम लिया. मधुमिता सेन गुप्ता ने PM मोदी से पूछा कि मेरा बेटा नौवीं का छात्र है. ऑनलाइन गेम्स खेलता है. पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. क्या करना चाहिए?
इसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये PUBG वाले हैं क्या? उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम समस्या भी और समाधान भी है। तकनीक को लेकर बच्चों से बात करें. चर्चा करें. अगर हम चाहें कि बच्चे टेक्नॉलजी से दूर चले जाएं तो वे अपनी जिंदगी में पीछे चले जाएंगे. उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए.
पढ़ें पीएम मोदी द्वारा की गई परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की 10 खास बातें:
1. जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है.
2. पीएम मोदी ने कहा कि लक्ष्य हमारे सामर्थ्य के साथ जुड़ा होना चाहिए और अपने सपनों की ओर ले जाने वाला होना चाहिए.
3. निशान चूक जाएं को माफ हो सकता हैं लेकिन निशान नीचा हो तो कोइ माफी नहीं, लक्ष्य एसा होना चाहिए जो पहुंच में हो लेकिन पकड़ में न हो. जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी.
4. खुले मेदान में खेलना ये जीवन का हिस्सा होना चाहिए और बच्चो को टेक्नोलोजी की सही दिशा में ले जाना चाहिए.
5 प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपेक्षाओं के बोझ में हमें दबना नहीं चाहिए. अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने आपको सजा करना चाहिए. अपेक्षा आवशयक होती है. अपेक्षा की वजह से ही हमे कुछ ज्यादा करने की इच्छा होती है.
6 निराशा में डूबा हुआ समाज या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता इसीलिए आशा और अपेक्षा अनिवार्य होती है.
7 पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर नहीं झोकेंगे तो जिंदगी में ठहराव आ जायेगा. जिंदगी का मतलब ही होता है गति। जिन्दगी का मतलब ही होता है सपने.
8 परेंट्स व टीचर किसी बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें. इससे वह हतोत्साहित होता है. बल्कि उसके प्रदर्शन में जो सुधार आया है, इस पर प्रकाश डालते हुए उसे प्रोत्साहित करें.
9 पीएम से छात्रों ने पूछा - कैसे स्ट्रीम का चुनाव करें तो पीएम ने कहा- अपनी रूचि को जानें. आपका पैशन क्या है? इसे पहचानें. इस संबंध में आपने पहले कुछ किया है क्या? आपकी ताकत क्या है? समस्या आपका कंफ्यूज होना होती है.
10. मेरे लिए मेरे देशवासी मेरा परिवार है, इसलिए मैं थकान महसूस नहीं करता हूं. मैं सोता हूं तो अगले दिन के बारे में सोचता हूं बीते दिन के बारे में नहीं. हर सुबह नई उमंग और जोश के साथ उठता हूं.
धन्यवाद।
सोर्स : NEWS INVESTIGATOR
इस दौरान PM मोदी से एक महिला ने ऑनलाइन गेम्स को लेकर सवाल पूछा, जिसके बाद पीएम ने PUBG का नाम लिया. मधुमिता सेन गुप्ता ने PM मोदी से पूछा कि मेरा बेटा नौवीं का छात्र है. ऑनलाइन गेम्स खेलता है. पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. क्या करना चाहिए?
इसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये PUBG वाले हैं क्या? उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम समस्या भी और समाधान भी है। तकनीक को लेकर बच्चों से बात करें. चर्चा करें. अगर हम चाहें कि बच्चे टेक्नॉलजी से दूर चले जाएं तो वे अपनी जिंदगी में पीछे चले जाएंगे. उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए.
पढ़ें पीएम मोदी द्वारा की गई परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की 10 खास बातें:
1. जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है.
2. पीएम मोदी ने कहा कि लक्ष्य हमारे सामर्थ्य के साथ जुड़ा होना चाहिए और अपने सपनों की ओर ले जाने वाला होना चाहिए.
3. निशान चूक जाएं को माफ हो सकता हैं लेकिन निशान नीचा हो तो कोइ माफी नहीं, लक्ष्य एसा होना चाहिए जो पहुंच में हो लेकिन पकड़ में न हो. जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी.
4. खुले मेदान में खेलना ये जीवन का हिस्सा होना चाहिए और बच्चो को टेक्नोलोजी की सही दिशा में ले जाना चाहिए.
5 प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपेक्षाओं के बोझ में हमें दबना नहीं चाहिए. अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने आपको सजा करना चाहिए. अपेक्षा आवशयक होती है. अपेक्षा की वजह से ही हमे कुछ ज्यादा करने की इच्छा होती है.
6 निराशा में डूबा हुआ समाज या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता इसीलिए आशा और अपेक्षा अनिवार्य होती है.
7 पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर नहीं झोकेंगे तो जिंदगी में ठहराव आ जायेगा. जिंदगी का मतलब ही होता है गति। जिन्दगी का मतलब ही होता है सपने.
8 परेंट्स व टीचर किसी बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें. इससे वह हतोत्साहित होता है. बल्कि उसके प्रदर्शन में जो सुधार आया है, इस पर प्रकाश डालते हुए उसे प्रोत्साहित करें.
9 पीएम से छात्रों ने पूछा - कैसे स्ट्रीम का चुनाव करें तो पीएम ने कहा- अपनी रूचि को जानें. आपका पैशन क्या है? इसे पहचानें. इस संबंध में आपने पहले कुछ किया है क्या? आपकी ताकत क्या है? समस्या आपका कंफ्यूज होना होती है.
10. मेरे लिए मेरे देशवासी मेरा परिवार है, इसलिए मैं थकान महसूस नहीं करता हूं. मैं सोता हूं तो अगले दिन के बारे में सोचता हूं बीते दिन के बारे में नहीं. हर सुबह नई उमंग और जोश के साथ उठता हूं.
धन्यवाद।
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